देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
न सूक्तं नापि ध्यानम् च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ २ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
इस पाठ के करने से अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं.
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
This Mantra retains fantastic importance In regards to attaining a blissful mental point website out and spiritual development.
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.
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